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भू—रूपांतरण की शर्त ने अटकाये,विद्यालयों के नवीन मान्यता प्रकरण

Written by कार्यालय,बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर। समाचार डेस्क प्रभारी—1 on . Posted in शिक्षा समाचार

बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर। प्रदेश में शिक्षा का प्रकाश फैलाने हेतु प्रतिबद्धता का दावा करने वाले शिक्षा विभाग ने विद्यालयों हेतु नवीन मान्यता वाले प्रकरणों को भू—रूपांतरण की शर्त का हवाला देते हुए रोक लिया है। विभाग ने 25 नवम्बर 2020 को भू—रूपांतरण की शर्त में शिथिलता देने का आदेश जारी किया था। इस आदेश के बाद प्रदेश भर से भारी संख्या में नए विद्यालय खोलने के इच्छुक लोगों ने आवेदन शुल्क जमा कराते हुए मान्यता की आशा में आवेदन किए परन्तु 13 जनवरी 2021 को विभाग ने इस एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए इस आदेश को केवल पूर्व में संचालित विद्यालयों तक सीमित कर दिया जिसके कारण नवीन मान्यता संबंधी सैकड़ों प्रकरण अटक गए तथा नए विद्यालय खोलने के इच्छुक आवेदकों की आशाओं पर तुषारापात हो गया क्योंकि गुलाब कोठारी बनाम राजस्थान सरकार मामले भू—रूपांतरण पर उच्च न्यायलय की रोक के चलते भू—रूपांतरण का कार्य बंद है और जब तक सरकार भू—रूपांतरण का कार्य प्रारम्भ नहीं करती है तब तक वे भू—रूपांतरण की इस शर्त को पूर्ण करने में असमर्थ हैं । एक ओर जहाँ प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के प्रयास जारी हैं वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग द्वारा नए विद्यालयों की मान्यता को भू—रूपांतरण जैसी अव्यावहारिक शर्त लगाकर रोकना अतार्किक है,जब पूर्व में संचालित विद्यालयों को इस शर्त से छूट दी जा सकती है तो नए विद्यालय खोलने के इच्छुक आवेदकों हेतु भी इस शर्त में शिथिलता दी जानी चाहिए, पूर्व में ऐसा किया जाता रहा है। दरअसल वसुंधरा सरकार ने बड़े शिक्षा माफियाओं को लाभ पहुँचाने और छोटे—छोटे विद्यालयों को समाप्त करने की अप्रत्यक्ष मंशा से उक्त अव्यावहारिक शर्त को लागू किया था,जिसने छोटे विद्यालय खोलने के इच्छुक लोगों को हतोत्साहित करने का कार्य किया है,वर्तमान सरकार को इस मुद्दे पर पुर्नविचार कर ऐसी अव्यावहारिक व शिक्षा प्रसार में बाधक बन रही शर्त को अविलम्ब हटा देना चाहिए।