चांद की बर्फ धरती पर कैसे पहुंची? नए प्रयोग ने वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया
बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर । वैज्ञानिकों ने बर्फ से जुड़ी एक नई खोज की है। इस खोज के जरिए वैज्ञानिक अलग-अलग परिस्थितियों में पानी के व्यवहार पर प्रकाश डाल सकते हैं। ये उपकरण एक कॉकटेल शेकर की तरह है, जिसे कई लोग सुपर डुपर कॉकटेल शेकर भी कह रहे हैं। इसके इस्तेमाल से शोधकर्ताओं ने बर्फ के अभी तक अज्ञात रहे एक स्वरूप को बनाया है। ऐसी बर्फ हमारे सौरमंडल में मौजूद अलग-अलग बर्फीले चंद्रमाओं में हो सकती है। जब हम चंद्रमा की बात करते हैं तो सिर्फ धरती के चांद की ही नहीं बल्कि अन्य ग्रहों का चक्कर लगाने वाले चंद्रमा की बात कर रहे हैं।
वैज्ञानिकों ने एक कंटेनर में सामान्य बर्फ को स्टील की गेंदों के साथ मिलाने के लिए बॉल मिलिंग नामक एक प्रक्रिया का उपयोग किया। इसमें उन्होंने माइनस 200 डिग्री सेल्सियस पर अलग-अलग बर्फ को मिलाया, जिसके परिणामस्वरूप मध्यम-घनत्व वाली बिना आकार की बर्फ या MDA का निर्माण हुआ, जो देखने में एक सफेद पाउडर जैसी लगती है। साधारण बर्फ क्रिस्टल की तरह होती है। इसमें पानी में मौजूद हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के अणु एक व्यवस्थित तरीके से होते हैं। जबकि MDA में पानी के अणु बर्फ बनने पर भी पानी की तरह अव्यवस्थित होते हैं।