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'घर—घर कचरा संग्रहण' अच्छी पहल परन्तु व्यावहारिक परेशानियों के समाधान के बिना निरर्थक

Written by स्वत्वाधिकारी,बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर on . Posted in नगर-निकाय व स्वायत्त शासन समाचार

बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर। स्वच्छ जयपुर और स्वच्छ भारत अभियान के तहत जयपुर नगर निगम की घर—घर कचरा संग्रहण योजना एक अच्छी पहल है परन्तु इसमें कुछ व्यावहारिक कमियाँ दिखाई दे रही हैं। सर्वप्रथम तो जिन वार्डों में भी यह योजना प्रारम्भ की गई है उन वार्डो में 'कचरा संग्रहण वाहन' रोज नियमित रूप से नहीं आता है जिससे योजना उद्देश्य ही खटाई में पड़ जाता है। इतना ही नहीं जब यह वाहन आता भी है तो उसका कोई फिक्स रूट जनता को नहीं मालूम रहता है जिसके कारण लोगों को वाहन में बजने वाले विज्ञापन की आवाज के आधार पर अपना काम धाम छोड़ कर घंटों कचरा लेकर इंतजार यह सोचकर करना पड़ता है कि ना जाने कब वाहन आकर छू मंतर हो जाए। लोगों की समस्या यह है कि 'कचरा संग्रहण वाहन' आता जरूर है परन्तु बिना आजू—बाजू देखे तेजी से दौड़कर चला जाता है,कोई सामने आकर ही उसे रोक ले तो बात अलग है परन्तु हर किसी के लिए ऐसा करना भी संभव नहीं होता है। गलती कचरा संग्रहण वाहन के चालक की होती है परन्तु उसकी मजबूरी यह है कि उसे यह पता ही नहीं चल पाता की कोई अमुक घर से कचरा डालना चाहता है क्योंकि सभी लोग अपने घरो में काम में व्यस्त होते हैं। इस समस्या के निराकरण के लिए नगर निगम दो उपाय कर सकता है वो कचरा डालने के इच्छुक लोगों के लिए जयपुर नगर निगम के लोगो व क्यू आर कोड वाला एक विशेष सूचना पट्ट या स्टीकर जारी कर सकता है जिसे कचरा डालने के इच्छुक लोग अपने अपने घरों के गेट पर 'टू लेट' वाले बोर्ड की तरह लटका सकते हैं ताकि जब वाहन घर के सामने से गुजरे तो उसे मालूम चल जाये कि कोई कचरा डालना चाहता है। वाहन चालक ऐसे घर का दरवाजा खटखटा सकता है या वहां थोड़ा इंतजार कर सकता है। इस समस्या के निदान के लिए मोबाईल एप के जरिये जनता की ओर से कचरा डालने हेतु रिक्वेस्ट भी रजिस्टर्ड की जा सकती है तथा एप द्वारा रजिस्टर्ड रिक्वेस्ट वाले घर से कचरा लिया गया या नहीं इसकी पुष्टि रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर पर मैसेज भेजकर की जा सकती है। इन दो तरीकों के अलावा भी समस्या के कुछ और निराकरण संभव हो सकते हैं जिन पर विचार किया जा सकता है परन्तु एक बात तय है जब तक नगर निगम द्वारा इस व्यावहारिक समस्या का समाधान नहीं किया जाता तब तक उसका घर—घर कचरा संग्रहण का अभियान सिर्फ दिखावे और फिजूलखर्ची से अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता है।