कुंदनपुरा बचाओ संघर्ष समिति इंदिरा गांधी नगर निवासीयों ने प्रेस को अपना कष्ट किया बयां
बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर (आशा पटेल)। पिंक सिटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में कुंदनपुरा बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक रामावतार मोर्य ने अपना कष्ट बताते हुए कहा की यह गांव सांगानेर तहसील की जयपुर ग्राम पंचायत में स्थित है इसकी स्थापना 10 जून 1956 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ संपूर्णानंद द्वारा राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय मोहनलाल सुखाड़िया की उपस्थिति में शिलान्यास किया गया था और यहां पर किसानों की कृषि भूमि थी उन किसानों को दूसरी जगह भूमि स्थानांतरण कर दी गई थी। यह गांव अनुसूचित जाति रैगर समाज के लिए बसाया गया था. 1972, 1973 में जिलाधीश जयपुर के आदेश से आबादी भूमि में परिवर्तन किया गया और ग्राम पंचायत जयपुरा के अधीन आबादी भूमि दर्ज की गई इसका कुल रकबा नंबर खसरा नंबर 1 से 10 तक 60 बीघा है. कुंदनपुरा में लगभग 300 परिवार निवास करते हैं, जिसकी आबादी 2500 लगभग है. यहां के निवासियों को ग्राम पंचायत जयपुरा के तत्कालीन सरपंच द्वारा बारी बारी से भूमि आवंटन के पट्टे दिए गए थे और तहसील सांगानेर में रजिस्ट्री कराई गई थी . यहां पर सरकारी विद्यालय, सामुदायिक भवन ,उप स्वास्थ्य केंद्र, पार्षद कार्यालय आदि बनाए हुए हैं। किन्तु आज हम सब गाँव वासी भारी संकट से गुजर रहे हैं .
समिति के सह संयोजक प्रेम चंद मोर्य ने बताया की 1996 में राजस्थान आवासन मंडल द्वारा कुंदनपुरा गांव की संपूर्ण भूमि को अवाप्त कर लिया गया और गांव वालों को डराया धमकाया जा रहा है , कहा जा रहा है कि आप सब लोगों ने अवैध अतिक्रमण कर रक्खा है और आवासन मंडल की भूमि पर रह रहे हो ।
उन्होंने बताया की आवासन मंडल इंदिरा गांधी नगर, गंगा मार्ग में 200 फुट रोड के लिए कुंदनपुरा वासियों के 150 मकानों को बिना मुआवजा और निशुल्क भूमि दिए बिना भूमि लेना चाह रहा हैं, जिसके लिए आवासन मंडल द्वारा नोटिस भी जारी किए गए हैं. गांव वालो पर दबाव बनाया जा रहा है कि आप जल्दी से जल्दी भूमि खाली करो, अगर भूमि चाहते हो तो रिजर्व प्राइस के हिसाब से भुगतान करना पड़ेगा, जबकि गांव वाले साधारण गरीब अनुसूचित रैगर समाज के लोग हैं.
कुंदंनपुरा संधर्ष समिति के संयोजक रामावतार मोर्य ने बताया की - हमारी मांग है कि आवासन मंडल द्वारा 200 फीट रोड के लिए जितनी भूमि लेता है उतनी ही भूमि आवासन मंडल द्वारा ग्राम वासियों को इंदिरा गांधी नगर जगतपुरा के सेक्टर नंबर 1 से 5 तक निशुल्क दी जावे और ग्राम वासियों के निर्मित मकान टूटने का मुआवजा दिया जाए, साथ ही बाकी गांव को अवाप्ति से मुक्त किया जाए, गांव से संबंधित संपूर्ण रिकॉर्ड आवासन मंडल के कमिश्नर पवन अरोड़ा को दिखाया गया परंतु अरोड़ा गांव वालों की बात सुनने को तैयार ही नहीं हुए. गांव वालों को अंदेशा है कि राजस्थान आवासन मंडल के उच्च अधिकारी भूमाफिया से मिले हुए हैं, आवासन मंडल के अधिकारी कर्मचारी गांव वालों पर रोड के लिए जगह खाली कराने का दबाव बनाते हैं और बाद में भू माफियाओं को भेज कर भूमि का सौदा करने की बात कही जाती है. भू माफियाओं द्वारा कहा जाता है कि आप तो अपने पैसे लेकर मकान खाली कर दो आवासन मंडल से तो हम निपट लेंगे, कुछ भूमाफिया द्वारा कुछ प्लाट खरीदे गए थे जिनको आवासन मंडल के हित में समर्पित करवा कर कब्जे हटा करके भी गांव वालों पर दबाव बनाया जा रहा है हमारा मिडिया के माध्यम से सरकार से आग्रह है कुंदनपुरा ग्राम वासीयों के साथ न्याय किया जाय। 7 दिन में इन अनुसूचित जाति रैगर समाज की सुनवाई नहीं हुई तो हमें मजबूर होकर सरकार के विरूद्ध आन्दोलन किए जाने हेतु बाध्य होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।