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लखीमपुर खीरी में कैसे खिला कमल ?

Written by कार्यालय,बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर। समाचार डेस्क प्रभारी—2-पी.सी.योगी on . Posted in ताजा खबर

बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर। जिस लखीमपुर खीरी में किसानों को महंगी गाड़ी तले रौंदने को लेकर इतना बवाल हुआ ,वहां की सभी 8 सीटों पर भाजपा का आगे चलना बताता है कि अपनी रणनीति से भाजपा ने किसान आंदोलन के असर को उस जिले में कम कर दिया।

गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को तमाम आलोचनाओं के बावजूद पद से न हटाना भी आखिरकार पार्टी के हक में गया है। विकास दुबे एनकाउन्टर के बाद ब्राह्मणों की नाराजगी झेल रही भाजपा ने शायद भांप लिया था कि अब इस जाति विशेष के लोगों पर नरमी बरती जानी जरूरी है ।

तय हुआ कि आशीष मिश्रा के खिलाफ तो कानूनी कार्रवाई होती रहेगी लेकिन उनके पिता पर आंच नहीं आने दी जाएगी । उसी खुले समर्थन का परिणाम है कि लखीमपुर खीरी में कमल खिल गया । यह एक किस्म का संदेश भी देता है कि जनता आज भी जातिगत आधार पर मतदान को प्राथमिकता दे रही है । एक दौर था जब बसपा ब्राह्मणों के सम्मेलन के जरिए उनके मत हासिल करती थी लेकिन अब भाजपा ने उसके नेताओं को किसी भी हालात में समर्थन देकर खुद को बसपा कि तुलना में कहीं बड़ा कर लिया । साथ ही भाजपा यह संदेश देने में भी सफल रही कि विकास दुबे अपराधी था , इसलिए कार्रवाई हुई लेकिन अपनी पार्टी के नेताओं के साथ हम किसी भी सूरत में खड़े हैं । शायद इसी भरोसे ने कमाल कर दिया ।

मौजूदा परिस्थितियों में यह समझना होगा कि कोई भी राजनैतिक दल नैतिकता को अधिक महत्व नहीं देता। वह राजनैतिक लाभ के लिए किसी किस्म की रणनीति से परहेज नहीं करता। दुनियाभर में गृहराज्य मंत्री के इस्तीफे की मांग हो रही थी लेकिन बीजेपी ने ब्राह्मणों के महत्व का ध्यान रखते हुए इस्तीफा लेने से साफ इनकार कर दिया। नतीजा ये हुआ कि आज लखीमपुर खीरी की सभी सीटें भाजपा की झोली में जाती दिख रही हैं। जातिगत राजनीति उत्तर भारत के राज्यों की स्याह हकीकत है। आजादी का अमृत महोत्सव मनाते भारत में आज भी परिस्थिति जस की तस है। इसमें बदलाव की संभावना फिलहाल शून्य ही नजर आती है। जातिविहीन समाज की कल्पना बहुत से महापुरुषों ने की लेकिन वह साकार रूप नहीं ले सकी।

किसान आंदोलन के समय एक वर्ग था जो किसानों के ऊपर किए जा रहे अत्याचारों का समर्थन कर रहा था। लखीमपुर खीरी के इस क्लीन स्वीप के बाद हो सकता है कि वह वर्ग फिर से मुखर हो उठे।