नगरीय विकास कर बकायादारों की कुर्की होगी
जयपुर 3 अक्टूबर। नगर निगम जयपुर बकाया नगरीय विकास कर की वसूली के लिये बकायादारों की सम्पति कुर्क करेगा।
नगर निगम जयपुर के आयुक्त श्री आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने शनिवार को नगर निगम के सभी जोनल उपायुक्तो को इस संबंध में निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि नगरीय विकास कर की वसूली के लियें सभी बकायादारों को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 128-129 के बिल तथा 2014-15 तक की बकाया के डिमंाड नोटिस भिजवा दिये गये है। उन्हांेने कहा कि सभी जोनल कार्यालयों में राजस्व अधिकारियों की अगुवाई मे टीमें बनाकर बकायादारों की समझाइश भी की गई परन्तु अभी तक नगरीय विकास कर बकायादारों द्वारा बकाया नगरीय विकास जमा नहीं करवाया है।
नगरीय विकास कर बकायादारों को अनेकांे बार समाचार-पत्रोें में सूचना प्रकाशित कर नगरीय विकास कर जमा करवाए जाने की अपील की गई है परन्तु बकायादारों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नही दिया गया है। हाल ही मेें माननीय उच्च न्यायालय ने भी नगरीय विकास कर के बकायादारों के नल, बिजली कनेक्शन काटने के आदेश जारी किये है।
माननीय न्यायालय द्वारा दिये गये आदेशो के परिपेक्ष की पालना में निगम अब सख्त कदम उठाते हुये जलदाय विभाग तथा जे.वी.वी.एन.एल को नल, बिजली के कनेक्शन काटने की चिट्ठी लिखने के साथ-साथ बडे़ बकाया दारों की सम्पति कुर्क कराने के लिय सभी जोनो एवं मुख्यालय पर पत्रावली तैयार की गई है।
नगर निगम प्रशासन द्वारा बकायादारो की सूची पर गम्भीरता से विचार पश्चात् उनसे बकाया नगरीय विकास कर वसूली के लिये नोटिस जारी किये गये है एवं अगले चरण में कुर्की की कार्यवाही शीघ्र ही प्रारम्भ की जा रही है। उन्होनें बताया कि शहर में अनेको चिकित्सालय एवं विद्यालय ने चेरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर नगरीय विकास कर जमा नही करवाया है। इस सम्बन्ध में भी स्वायत्त शासन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी करते हुऐ स्पष्टीकरण जारी किया गया है कि चेरीटेबल ट्रस्ट ऐसे ट्रस्ट को समझा जावेगा जिसका गठन चेरिटेबल गतिविधियों के प्रयोजनार्थ हुआ हो एवं वह राजस्थान राज्य में प्रबृत्त किसी अधिनियम के तहत पंजीकृत हो। चेरिटेबल प्रयोजन के तहत ऐसे क्रियाकलाप माने जायेगे जो लाभ रहित, सामान्यलोक प्रयोजनार्थ किये जाये। इनमें धर्म, शिक्षा, स्वास्थ्य को बढावा देना पशु क्रुरता निवारण, जनाधिक्य के लाभ, सुधार अथवा उन्नयन के लिए अथवा अन्य समरूप उद्देश्य शामिल है। राज्य सरकार ने अनाथ सेवा आश्रम, अपाहिज, अपंग, मूक बधिर, अंध विद्यालयों एवं प्रशिक्षण केन्द्र व ऐसे व्यक्तियों के ेद्वारा संचालित केन्द्रों को नगरीय विकास कर से मुक्त रखा है।
गौशाला, कुष्ठ आश्रम, प्राकृतिक चिकित्सालय एवं योग साधना केन्द्र रैन बसेरा, सार्वजनिक जल केन्द्र (प्याऊ) सार्वजनिक मूत्रालय, शोचालय तथा सार्वजनिक पुस्तकालय, पे्रस क्लब व सार्वजनिक वाचनालय नगरीय विकास कर से मुक्त रखें गये है।
उन्होंने सभी नगरीय विकास कर बकायादारों से पुनः अपील की है कि वे तुरन्त बकाया नगरीय विकास कर जमा करवाकर कुर्की की कार्रवाई से बचें।